अंग्रेजी अखबार ‘द हिन्दू’ ने खबर दी है कि कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी के गलत असर के बारे में संसदीय समिति को विस्तार से बताया था और इस बारे में एक रिपोर्ट भी सौंपी थी। अखबार का कहना है कि मंत्रालय ने रिपोर्ट में किसानों की मुश्किलों का जिक्र किया था। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अलग आंकड़ा जारी करते हुए अखबार की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर की रात अचानक की गई नोटबंदी को दो साल हो चुके हैं। लेकिन इसकी चर्चा अभी भी होती रहती है। सरकार इसके फायदे गिनाने में देर नहीं लगाती। वहीं, विपक्ष इससे हुए नुकसान की लिस्ट बनाए सबके सामने रख देता है। ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित शोभना नायर की रिपोर्ट के अनुसार, अब कृषि मंत्रालय ने भी देश में अचानक बड़े नोट बैन कर देने को हानिकारक मान लिया है। वित्त मंत्रालय से जुड़ी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी को सौंपी गई रिपोर्ट में कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी को किसानों के लिए बुरा फैसला बताया है।
इस बीच, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ट्वीट कर ‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है। साथ ही आंकड़े भी जारी किए हैं। बता दें कि नोटबंदी को लेकर ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें इस मसले पर RBI की राय सामने आई थी। इसमें आरबीआई बोर्ड की मिनट्स ऑफ मीटिंग्स का हवाला दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने नोटबंदी की घोषणा से तकरीबन 4 घंटे पहले बैठक बुलाई थी, जिसमें हजार और 500 के नोटों को वापस लेने से काले धन और नकली करेंसी पर रोक लगाने के सरकार दावे को खारिज कर दिया गया था।
