इन दिनों नेताओं की लाइफस्टाइल में केवल भागदौड़ ही नहीं है बल्कि उनके लिए डिजिटल मंचों पर उपस्थिति भी अनिवार्यता बनी हुई है। ऐसे में उनकी दिनचर्या पूरी तरह बिगड़ गई है। दिनभर काम के बाद मौका मिलने पर आराम करने के बजाय सोशल मीडिया पर उपस्थिति दिखाने और जनता से कनेक्ट बनाए रखने के लिए नेता घंटों समय दे रहे हैं। नेताओं की पल-पल की टिप्पणियों और संदेशों से इसका पता चलता है। रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी व विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता कहते हैं, उनकी दिनचर्या को इस चुनावी मौसम में पदयात्रा और रैलियों के अलावा डिजिटल दुनिया से प्रभावित हो रही है।
फिटनेस के लिए सैर : चुनावी माहौल में फिटनेस बैकसीट ले लेता है, लेकिन विजेंद्र गुप्ता अपनी फिटनेस का पूरा-पूरा ख्याल रख रहे हैं। वे शाम के समय कम से कम पांच किलोमीटर की सैर पर जरूर करते हैं। उनका कहना है कि अगर यूथ के लिए प्रेरणा बनना है तो नेताओं के लिए फिट रहना पहली जरूरत बन जाती है। वे फिट रहने के लिए थोड़ी-बहुत कसरत भी कर लेते हैं लेकिन बेहद व्यस्तता के कारण फिलहाल केवल सैर से काम चला रहे हैं।
नाश्ते से ही चला रहे अभी काम : विजेंद्र गुप्ता बताते हैं कि उनकी कोशिश रहती है कि सुबह की पहला भोजन पौष्टिक व ऊर्जादायक हो। ऐसे में स्प्राउट्स, ओट्स व फलों का सेवन करते हैं। वैसे आम दिनों में वे तीनों समय का भोजन करते हैं, लेकिन चुनावी माहौल में एक समय ही ऐसा कर पा रहे हैं। उनके लिए सबसे बड़ी समस्या सभाओं में जो तली-भुनी चीजें दी जाती है, वह हैं।

तनाव मुक्ति के लिए संगीत का सहारा : विजेंद्र कहते हैं, नींद पूरी नहीं हो रही है। ऐसे में समय मिलते ही सोने का प्रयास करते हैं। गाना थकान व तनाव से राहत देता है। उनका मानना है कि संगीत सुनना तनाव मुक्ति का कारगर तरीका है। इस भागदौड़ में करीब एक माह के पोते के लिए थोड़ा समय निकाल लेते हैं और उससे बहुत सुकून मिलता है।
शॉपिंग के लिए नहीं मिलता समय, होती है तकरार : विजेंद्र को शॉपिंग करना पसंद है लेकिन इसके लिए समय नहीं मिल पाता। इस चीज को लेकर पत्नी से अक्सर तकरार होती है। वे अक्सर फिल्में देखने के लिए रात के शो में जाते हैं। वह बताते हैं, बच्चे उन्हें बिना बताए रात के शो की टिकट करवा देते हैं तो वे परिवार के साथ फिल्म देखने निकल जाते हैं।
कुर्ता-पायजामा है सुविधाजनक : विजेंद्र का कहना है कि फिटनेस के साथ-साथ फैशन को लेकर भी नेताओं में जागरूकता आई है। वे भी इस मामले में खुद को अपडेटेड रखते हैं। विजेंद्र कुर्ता-पायजामा से लेकर पैंट कोट व शेरवानी तक पहनते हैं, लेकिन चुनाव के दौरान उन्हें कुर्ता-पायजामा सुविधाजनक लगता है। हां, वे जूतों का चयन करते वक्त ध्यान रखते हैं कि वे हल्के और सुविधाजनक हों। इस समय वे ब्रांडेड स्पोट्र्स शूज पहनना पसंद करते हैं। हालांकि उनका मानना है कि फैशन नहीं बल्कि अंत में सादगी के साथ परफॉर्मेंस जरूरी है। वे यह भी मानते हैं कि अब नेताओं के फैशन को लेकर रूढ़ियां टूटी हैं। राजनीति में व्यक्तिगत पसंद व फैशन से समझौता करना जरूरी नहीं है।