- मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई में राजकोट के कलेक्टर ने ही सेंध लगाई
- एडिशनल कलेक्टर बोले- विज्ञापन नहीं छापा हो तो भी हमारा लगाव समझकर चेक स्वीकार करो
गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को राजकोट कलेक्टर कार्यालय से ही पलीता लगा दिया। दरअसल, राजकोट में पत्रकारों को 50-50 हजार रुपए के चेक कलेक्टर कार्यालय की ओर से दिए गए। 8 अखबारों के पत्रकारों को दिए गए इन चेक पर कलेक्टर और रेसिडेंट एडिशनल कलेक्टर के हस्ताक्षर हैं। गणतंत्र दिवस समारोह-2020 के राज्य स्तरीय समारोह की मेजबानी के बाद कलेक्टर कार्यालय की ओर से ये चेक बांटे गए।
- पत्रकारों को बताया गया कि गणतंत्र दिवस समारोह के अच्छे कवरेज के एवज में ये चेक दिए जा रहे हैं। लेकिन दैनिक भास्कर समूह के दिव्य भास्कर के पत्रकारों ने इसे लेने से इनकार कर दिया। साथ ही कलेक्टर से कहा- ‘भास्कर की स्पष्ट पॉलिसी है- नो पेड न्यूज। यह रिश्वत है, जिसे हम नहीं ले सकते। यह हमारे मूल्यों के खिलाफ है। आगे से ऐसी भूल नहीं करना।’
- भास्कर के पत्रकार ने सिर्फ सबूत जुटाने के लिए यह चेक लिया था। फिर शनिवार को भास्कर की टीम एडिशनल कलेक्टर परिमल पंड्या के दफ्तर पहुंची। सवाल कर जानना चाहा- ‘हमने विज्ञापन नहीं छापा है, तब भी हमारा चेक क्यों बना?’ इस पर एडिशनल कलेक्टर बोले- ‘हमने यह जांच नहीं की। 26 जनवरी का कार्यक्रम अच्छा रहा। विज्ञापन नहीं छापा हो तो भी आपसे लगाव है। इसलिए चेक स्वीकार कर लीजिए।’
कलेक्टर बोले- चेक देना गलत नहीं, सीएस ने कार्रवाई का भरोसा दिया
इस मसले पर राजकोट कलेक्टर रेम्या मोहन ने कहा कि सब नियमानुसार हुआ है। चेक देना कोई गलत काम नहीं है। वहीं, मुख्य सचिव अनिल मुकीस से जब भास्कर ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जांच के बाद कार्रवाई करूंगा।