- दिल्ली से आए डीजी क्वाॅलिटी एश्योरेंस लेफ्टिनेंट जनरल संजय चौहान की मौजूदगी में हुआ परीक्षण.
- सेना को अब तक 6 धनुष तोप और 8 सारंग गन सौंपी गई हैं, धनुष तोप का परीक्षण पहले पोखरण में होता था.
जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री में तैयार की गई 155 एमएम 45 कैलिबर धनुष तोप और सारंग गन का शुक्रवार को लॉन्ग प्रूफ रेंज खमारिया में एक साथ परीक्षण किया गया। यह पहला मौका है जब धनुष तोप से जबलपुर में फायरिंग की गई। हालांकि इससे पहले 21 जनवरी को गन कैरिज फैक्ट्री में ही तैयार की गई सारंग तोप का परीक्षण किया जा चुका था। भारतीय सेना को अब तक 6 धनुष तोप और 8 सारंग गन सौंपी जा चुकी हैं।
इस ऐतिहासिक मौके पर दिल्ली से आए डॉयरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस लेफ्टिनेंट जनरल संजय चौहान भी मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति में धनुष तोप और सारंग गन का शक्ति परीक्षण किया गया। दोनों ही तोप 37 से 40 किलोमीटर के बीच निशाना साध सकती हैं। इनका निर्माण गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में ही किया गया है। शुक्रवार को सुबह करीब 10:00 बजे से लॉन्ग प्रूफ रेंज खमरिया में परीक्षण शुरू हुआ।
पहले पोखरण और बालासोर में होता था परीक्षण
धनुष तोप सेना के बेड़े में शामिल हो चुकी है। पूर्व में इस तोप का राजस्थान के पोखरण और उड़ीसा के बालासोर सहित अन्य स्थानों पर परीक्षण किया गया था। पिछले साल 6 तोप सेना को सौंपी जा चुकी हैं, लेकिन जबलपुर में ही बनी धनुष तोप का उसी शहर में परीक्षण पहली बार हुआ है। इस महत्वपूर्ण मौके पर ऑडनेंस फैक्ट्री खमरिया व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर और गन कैरिज फैक्ट्री के आला अधिकारी मौजूद रहे।

अनुमान : सालाना 100 करोड़ रुपए बचेंगे
ये पहला मौका है जब यहां एक साथ बैरल और गन का परीक्षण किया जा रहा है। धनुष तोप का जबलपुर में ही उत्पादन और परीक्षण होने के कारण सालाना 100 करोड़ से अधिक रुपए की बचत होने का अनुमान है। इससे पहले 21 जनवरी को सारंग गन का एक बार सफल परीक्षण किया जा चुका है।
बोफोर्स से भी ज़्यादा ताकतवर है धनुष तोप
धनुष तोप बोफोर्स से भी ज़्यादा ताकतवर है। धनुष तोपों को बोफोर्स का स्वदेशी संस्करण कहा जाता है। गन कैरिज फैक्ट्री को कुल 114 तोपों का ऑर्डर मिला है। 155 एमएम इनडीजीनियस आर्टिलरी गन यानि बार्फोस के स्वदेशी वर्जन धनुष तोप ने सभी परीक्षण पास कर लिए थे। 2011 से शुरू हुआ धुनष का काम 2014 में पूरा हो गया था और लगातार 4 साल से इसका परीक्षण जारी था।
पहली खेप अप्रैल में सेना को सौंपी जा चुकी है
जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री में तैयार आधुनिक और स्वदेशी तोप धनुष की पहली खेप अप्रैल में सेना को सौंपी जा चुकी है। जबलपुर में हुई फ्लैग ऑफ सेरेमनी में ये तोपें भारत सरकार के रक्षा उत्पादन सचिव- डॉ अजय कुमार की मौजूदगी में सेना को दी गयी थीं।