करीब 80 दिन बाद भक्त अपने आराध्य भगवान महाकाल के दर्शन फिर से कर पाएंगे। जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति (क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप) की बैठक में शुक्रवार को यह निर्णय लिया गया। पहले मंदिर को 15 जून से खोलने की तैयारी थी। दर्शन की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिग के लिए जारी गाइडलाइन के अनुरूप ही की जाएगी। दर्शन व्यवस्था क्या होगी, इस संबंध में शनिवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक होगी। महाकाल के साथ ही नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी के दर्शन भी भक्त 8 जून से कर पाएंगे। मंदिर के साथ ही होटल, धर्मशाला, रेस्टोरेंट आदि खोलने पर भी सहमति बन गई है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर को 21 मार्च को ही आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद से मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन आने के बाद मंदिर समिति ने पंडित, पुजारी के साथ एक बैठक की, इसमें अलग-अलग तरह के सुझाव आए, जिसको लेकर अब मंदिर समिति युद्ध स्तर पर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने और मंदिर में प्रवेश कराने को लेकर तैयारी कर रही है। बैठक के साथ ही मंदिर में साफ-सफाई का काम शुरू हो चुका है। मंदिर के सभी एंट्री और एग्जिट गेट को सुचारू रूप से चलाने के लिए उनका कार्य भी किया जा रहा है।
भगवान को दूर से निहार पाएंगे भक्त
मंदिर में भक्तों का प्रवेश तो शुरू हो जाएगा, लेकिन भक्त भगवान को दूर से ही निहार पाएंगे। गर्भगृह में अभी प्रवेश बंद रहेगा। भक्त किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री भीतर नहीं ले जा पाएंगे। वहीं, नलखेड़ा स्थित बगलामुखी मंदिर भी लॉकडाउन के बाद 25 मार्च से बंद था। अब करीब 75 दिन बाद भक्त मां के दर्शन कर पाएंगे। तहसीलदार संजीव सक्सेना ने बताया कि सेंट्रल गवर्नमेंट की गाइडलाइन के अनुसार सोमवार से मंदिर खुलेगा।

बैठक में ये लोग थे शामिल
सर्किट हाउस पर हुई बैठक में पूर्व मंत्री एवं विधायक पारस जैन, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक डॉ. मोहन यादव, महापौर मीना जोनवाल, नगर निगम अध्यक्ष सोनू गहलोत, कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी मनोज सिंह, विवेक जोशी, बहादुर सिंह बोरमुंडला और जगदीश अग्रवाल मौजूद थे।

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