मानव एक सामाजिक प्राणी है, जो अन्य मनुष्यों के साथ बातचीत करना और रहना पसंद आता है। कई लोगों को पालतू जानवरों के साथ भी वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता है। दुनिया भर में ऐसे कई लोग है जो अपने घर में ही किसी पालतू जानवर को परिवार के एक सदस्य की ही तरह रखते है। मगर क्या आपको पता है कि भारत में कुछ जानवरो को पालने की कानून द्वारा मनाही है। इस आर्टिकल में आपको ऐसे जानवरों के बारे में जानने को मिलेगा जिन्हें पालना कानूनन तौर पर निषेध है।
इनमे विदेशी पालतू जानवर और लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियां सम्मिलित है। इन्हें प्रतिबंधित करने का कारण यह है कि जानवरों की ये प्रजातीया विलुप्त होती जा रही है। इन्हें पालने के कारण इनके खत्म होने की संभावना भी बड जाति है और इनकी प्रजाति के जानवरों की संख्या प्राकृतिक तौर पर बड नही पाती है।
पक्षी
वन्यजीव अधिनियम के तहत् कुछ पंछियों को घर में पालना, पिंजरों में कैद रखना एक गंभीर अपराध है। इन पंछियों को पालने पर 6 माह का कारावास व 25,000/- रूपये का जुर्माना भरना पड सकता है। इन जानवरों को भारत में आप अपने घर में नही पाल सकते है।

- रोज रिंग्ड पैराकीट (तोता)

- अलेक्जेंड्राइट पैराकीट (तोता)
- प्लम हेडेड़ पेराकीट (तोता)
- रेड मुनिया

- जंगल मैना

साँप
भारत में किसी भी प्रजाति के साँप पालने या उनका व्यापार करने पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है। कई साँप व्यापार की प्रक्रिया के दौरान मर जाते है।
जलीय जंतु
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अनुसार सेटेशियन डॉल्फिन या पोर्फियोस, पेंगुइन, ऊदबिलाव और मैनेट पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन्हें आप पाल नही सकते क्योकि समुद्री जीवो को लंबे समय तक जीवित रहने के लिये खारे पानी की आवश्यकता होती है जिसके कारण इन्हें जलाशय जैसे छोटे टैंक, पॉट या पूल में रखना उचित नही है।
- सेटेशियन डॉल्फिन या पोर्फियोस

- पेंगुइन

- ऊदबिलाव

- मैनेट

कछुआ
कुछ प्रजातियों के कछुओ को पालना उपयुक्त नहीं होता जिसके कारण इन्हें पालना प्रतिबंधित है। जैसे
- इंडियन स्टार कछुआ

- रेड ईयर स्लाइडर

बंदर
अन्य जंगली जानवरों की तरह बंदरों को भारत में धारा 22(ii), PCA Act,1960 के तहत मनोरंजन के उद्देश्य से रखना और प्रशिक्षित नही किया जा सकता है।

आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में आप किसी भी प्रजाति के कुत्ते को बेझिझक पाल सकते हो। पालतू जानवर एक सच्चे दोस्त की तरह हमारा साथ निभाते है और हमारे खुशी या सुखी होने से उनके व्यवहार में बहुत फर्क पड़ता है।