जयपुर. कर्नल आशुतोष शर्मा का मंगलवार को जयपुर में अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें पत्नी पल्लवी और बड़े भाई पीयूष ने मुखाग्नि दी। इससे पहले उन्हें मिलिट्री स्टेशन में श्रद्धांजलि दी गई।

उधर, चंडीगढ़ में मेजर अनुज सूद की पार्थिव देह को आर्मी हॉस्पिटल से उनके पंचकूला स्थित घर ले जाया गया। वहां पत्नी आकृति बिलख पड़ीं। ताबूत में शव को काफी देर तक टकटकी लगा कर देखती रही। अनुज की मां भी ताबूत के पास काफी देर तक बैठी रहीं। शहीद की बहन हर्षिता सेना में कैप्टन हैं, वे भी घर पहुंचीं। वे कभी अपनी मां को तो कभी अपनी भाभी को संभाल रही थीं।

2 मई को शहीद हुए थे

आशुतोष 21 राष्ट्रीय राइफल्स में कमांडिंग अफसर थे। कश्मीर के हंदवाड़ा में घर में छिपे आतंकियों की सूचना मिलने पर आशुतोष ने घेराबंदी की। 18 घंटे चली मुठभेड़ में वे अपने चार अन्य साथियों समेत 2 मई को शहीद हो गए थे।
कर्नल आशुतोष की पत्नी ने यूनिफॉर्म ली तो आंखों में आंसू की जगह गर्व की मुस्कान थी

शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को जयपुर पहुंचा तो हर आंख भर आई, गले रुंध गए। सेना के अधिकारियों ने आशुतोष का सामान और वर्दी पत्नी पल्लवी को दी। नम आंखों के आशुतोष की यादों में गुंथे बड़े भाई पीयूष ने बताया कि आशु का तो पहला प्यार वर्दी थी। एक ही धुन कि कंधे पर सितारे पहनना है। ग्रेजुएशन के बाद सेना में गए। आशु कहता था कि आईपीएस बनकर समाज के लिए बहुत कुछ करना है। वे तो बेटी को भी आईपीएस बनने के लिए प्रेरित करते थे। आशु तो तैयारी भी कर रहा था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के कारण मौका नहीं मिल पाया। आशु के सपने को पूरा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। हम बेटी तमन्ना को आईपीएस बनाएंगे।