लॉकडाउन की वजह से शराब दुकानें छोड़ने वाले ठेकेदारों के बाद राज्य शासन को मोनोपॉली पैटर्न अपनाना पड़ा है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में दो से तीन बार टेंडर रद्द करने के बाद ठेके सिंगल ग्रुप को देना पड़े है। भोपाल में अगले 268 दिनों के लिए 39 देशी और 53 विदेशी शराब दुकानों का ठेका शिवहरे ग्रुप को 595 करोड़ में मिला है। ये 13.98% ज्यादा है। इंदौर की दुकानें 765 करोड़ में महाकाल ट्रेडर्स और मां कस्तूरी ग्रुप को मिली है, जो 11.85 प्रतिशत ज्यादा थी। कोरोना संकट के कारण 10,500 करोड़ की दुकानों वाले ठेके 7500 करोड़ में चले गए है। यानी शराब राजस्व में 3 हजार करोड़ का नुकसान हो गया है।
आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदारों को दुकानों को छोड़ने के बाद तीन बार टेंडर जारी किए। हर बार सिंगल दुकान सिस्टम में उम्मीद के विपरीत शराब ठेकेदारों ने पिछले साल के ठेकों की कीमत के बराबर ही टेंडर भरे थे। सात-सात दिन में दुकानें चलाने वाला फार्मूला भी फेल हो गया। ठेकेदार 5 से 8 प्रतिशत में शराब दुकानें लेने को राजी थे।
पुराने ठेकेदार 25 प्रतिशत कम राशि देने पर अड़े रहे
पुराने शराब ठेकेदारों ने शासन ने कोरोना की वजह से पिछले साल की तरह 25 प्रतिशत कम कीमत में दुकानें चलाने का प्रस्ताव दिया था। इन कीमतों में विभाग के इंकार के बाद शराब ठेकेदार दुकानें छोड़ गए थे।

40 mg tadalafil: http://tadalafilonline20.com/ generic tadalafil united states
tadalafil tablets tadalafil daily use
tadalafil