कोरोनावायरस के बाद अब कुछ देशों में इबोला का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके बारे में चेताते हुए इस बीमारी से लड़ने में आने वाली धन की कमी के बारे में चेतावनी दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बताया गया कि इन दिनों कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इबोला संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। संगठन का कहना है कि ये भी कोरोनावायरस की तरह ही एक घातक बीमारी है। इससे लड़ने के लिए धन की आवश्यकता होगी, इस वजह से इससे निपटने के लिए दुनिया के देश तैयारी कर लें। संगठन ने कहा कि कांगो में ऐसे 56 मामले दर्ज किए गए हैं, जोकि 2018 में प्रांत के अंतिम प्रकोप में दर्ज मामलों की कुल संख्या से अधिक है।
अफ्रीका के लिए डब्लूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोइती के अनुसार कोरोनावायरस महामारी को रोकने के प्रयासों ने इबोला के प्रकोप की प्रतिक्रिया को जटिल कर दिया है। मोइती ने कहा हमें Covid-19 को अन्य दबाव वाले स्वास्थ्य खतरों से निपटने के लिए परेशान नहीं होने देना चाहिए। वर्तमान इबोला का प्रकोप हेडविन्ड्स में चल रहा है क्योंकि घने वर्षावन में दूरदराज के क्षेत्रों में मामले बिखरे हुए हैं।

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि उसने इबोला के प्रकोप से निपटने के लिए 1.75 मिलियन डॉलर जुटाए हैं जिसे 1 जून घोषित किया गया था। लेकिन यह केवल कुछ और हफ्तों तक चलेगा। मोएटी ने टीकाकरण, परीक्षण, संपर्क अनुरेखण, उपचार और स्वास्थ्य शिक्षा के साथ मदद के लिए अतिरिक्त धन का आह्वान किया। इबोला की वजह से मौतें भी बढ़ रही हैं।
डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने इबोला पर बड़े पैमाने पर काम किया है, उन्होंने सोमवार को कहा कि रविवार तक इबोला के मामलों की पुष्टि से 17 मौतें हुईं और तीन संदिग्ध मामले भी थे।
उन्होंने कहा कि अभी इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या कम दिख रही है, मगर इनके फैलने का खतरा काफी अधिक है। स्वास्थ्य श्रमिक दूरदराज के इलाकों में जाकर इन संक्रमित मरीजों का पता नहीं लगा पा रहे हैं। कई लोग संक्रमित तो हैं मगर वो सामने नहीं आ रहे हैं इस वजह से इनकी सही संख्या का पता नहीं चल पा रहा है मगर ये तय है कि कोरोना की तरह ही इबोला से भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।