लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित आधिकारिक भोज (Feast) में शामिल नहीं होंगे. चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ प्रमुख विपक्षी पार्टी को विचार-विमर्श करने की अनुमति देने की पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया है.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मैं 25 फरवरी को राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोज में शामिल नहीं होऊंगा. यह मेरे विरोध का तरीका है.” उन्होंने कहा कि सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को निमंत्रण नहीं दिया है.
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार द्वारा प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेताओं को इस तरह की महत्वपूर्ण यात्राओं के दौरान नजरअंदाज किया जाना और परंपरा में बदलाव किया जाना अच्छा नहीं है. पिछली सरकारों में हमने सुनिश्चित किया था कि प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश या बराक ओबामा सहित भारत आने वाले सभी गणमान्य लोगों से मिलें.”
चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थीबता दें बीते 19 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के भव्य स्वागत की तैयारियों पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने सवाल किया कि ट्रंप क्या कोई भगवान हैं, जो 70 लाख लोग उनका स्वागत करेंगे. वो अपना हित साधने आ रहे हैं.

सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है
अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है. डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने के लिए झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को छुपाना पड़ रहा है या उन्हें हटाना पड़ रहा है. क्या ये सही बर्ताव है. गुजरात का विकास पीएम मोदी ने किया है, जो दूसरे राज्यों के लिए मॉडल है लेकिन वहां पर गरीबों का शोषण हो रहा है. ये ऐसा है जैसे हम ट्रंप को खुश करने के लिए सब कुछ करेंगे. हम मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.’