पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हिंदू मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए चारों नाबालिग लड़कों को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले मंदिर को नुकसान पहुंचाने और मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक शिकायतकर्ता प्रेम कुमार ने नाबालिग लड़कों के खिलाफ आरोप को वापस ले लिया है। स्थानीय हिंदू पंचायत के नेताओं के अनुरोध पर सद्भावना के तौर पर केस को वापस लिया गया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, प्रेम कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 26 जनवरी को चार लोगों ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी। इसके अलावा देवताओं की मूर्तियों को भी तोड़ा गया था।

इससे पहले पुलिस के हवाले से बताया गया था कि 12-15 साल की उम्र के चारों लड़कों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उन्होंने मंदिर से पैसे चुराने के लिए वारदात को अंजाम दिया। वहीं, मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी व्यापक रूप से लोगों ने निंदा की थी।
चारो आरोपियों को शनिवार को मिठी के जिला और सत्र न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने उनके खिलाफ आरोपों को वापस लेने की सुनवाई के बाद उनकी रिहाई का आदेश दिया।