- मोदी ने कहा- यह 2020 ही नहीं, दशक का पहला सत्र, देश के सभी लोगों को इसका लाभ मिले, इस पर बल रहेगा
- सत्र से पहले कांग्रेस ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया, सोनिया गांधी की अगुआई में देश और संविधान बचाओ के नारे लगाए
बजट सत्र आज से शुरू हो गया। सबसे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि मसले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश ने परिपक्वता का परिचय दिया। विरोध के नाम पर हिंसा लोकतंत्र को अपवित्र करती है। आज ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी।
‘इस दशक में आजादी के 75 साल पूरे’
- कोविंद ने कहा, ‘‘21वीं सदी के पहले सत्र को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। यह दशक भारत के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होंगे। सरकार के प्रयास से इस सदी को भारत की मजबूत सदी बनाने की नींव रखी जा चुकी है।’’
- ‘‘हम भारत के लोग महापुरुषों के सपने को पूरा करेंगे। इसमें संविधान हमारे लिए काफी मददगार है। संविधान हमें कर्तव्यों का बोध कराता है और नागरिकों से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की अपेक्षा भी रखता है।’’
- ‘‘लोकसभा में तीन तलाक विरोधी कानून, उपभोक्ता संरक्षण कानून, अनियमित जमा योजना कानून, चिट फंड संशोधन कानून, मोटरवाहन कानून जैसे अनेक कानून बनाए गए। इसके लिए सांसदों का अभिनंदन करता हूं।’’
- ‘‘राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश ने परिपक्वता दिखाई। विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा लोकतंत्र को अपवित्र करती है। सरकार को यह जनादेश लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिला है। नए भारत में विकास के नए अध्याय लिखे जाएं। हर क्षेत्र में सबका विकार हो।’’
‘उज्ज्वल भविष्य के लिए नींव बने’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2020 का यह प्रथम सत्र है। दशक का भी यह प्रथम सत्र है। हम सबकी कोशिश हो कि इस सत्र में दशक के उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत नींव बनाई जाए। यह सत्र मूलत: आर्थिक नीतियों पर केंद्रित होगा। वैश्विक परिस्थितियों में भारत के सभी लोगों को लाभ मिले, इस पर हमारा बल रहेगा। मैं चाहता हूं कि इस सत्र में लोगों के सशक्तिकरण पर सार्थक चर्चा हो।
कांग्रेस का प्रदर्शन
बजट सत्र के पहले कांग्रेस ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इसमें पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई नेता शामिल हुए। विरोध के दौरान ‘भारत बचाओ’, ‘संविधान बचाओ’ और ‘सीएए नहीं चाहिए’ के नारे लगाए।