- 90% जली पीड़ित ने शुक्रवार रात 11.40 बजे दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया, उसे कार्डियक अरेस्ट भी हुआ था.
- घटना को लेकर अखिलेश यादव ने विधानसभा के बाहर धरना दिया, बोले- मुख्यमंत्री और डीजीपी को हटाए बिना प्रदेश में कानून-व्यवस्था लागू नहीं हो सकती.
- उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज, प्रदेश की मंत्री कमला रानी और स्वामी प्रसाद मौर्य पीड़ित के घर पहुंचे, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.
उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित की मौत के बाद शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के बाहर धरना दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उन्नाव में पीड़ित के परिजन से मिलीं। उन्होंने कहा कि परिवार को एक साल से प्रताड़ित किया जा रहा है। मैंने आरोपियों के भाजपा से संबंध के बारे में सुना है। यही वजह है कि उन्हें बचाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मन में डर नहीं रह गया है।
इसके बाद उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज, प्रदेश की मंत्री कमला रानी और स्वामी प्रसाद मौर्य पीड़ित के घर पहुंचे। यहां एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। साक्षी महाराज ने कहा कि सभी दोषियों को सजा मिलेगी, किसी को नहीं बख्शा जाएगा। उन्नाव की छवि धूमिल हुई है। मौर्य ने कहा कि लड़की का परिवार जो जांच चाहता है, सरकार उसके लिए तैयार है। पीड़ित ने जिनके भी नाम बताए थे, उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। यह कोई राजनीति का मुद्दा नहीं है।
पीड़ित की मौत के बाद उन्नाव जिले के बिहार कस्बे को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। कस्बे में सन्नाटा पसरा है। ग्रामीण पिछले दो दिनों से अपने घरों में दुबके हुए हैं।

‘भाजपा ही आरोपी’
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘ये उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार कार्यकाल में पहली घटना नहीं है। याद करिए वो समय जब एक बेटी मुख्यमंत्री आवास के सामने न्याय मांग रही थी, उसे न्याय नहीं मिला तो उसने आत्मदाह की कोशिश की। उन्नाव की एक बेटी ने तो अपना पूरा परिवार खो दिया। कौन था आरोपी। भाजपा के नेता। उन्नाव की इस घटना के लिए कौन दोषी है। इसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार है। जो लोग आरोपी हैं, वो भी भाजपा से ही जुड़े हैं। उस बेटी का जब पूरा शरीर जला तो वो भागी। मदद की गुहार के साथ। क्या आज के समय में ऐसी घटना होगी कि कोई जिंदा जला देगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी के हटे बिना कानून व्यवस्था लागू नहीं हो सकती।’’