- भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन थिंक टैंक की ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का यह 5वां साल.
- रायसीना डायलॉग में इस साल 17 देशों के मंत्री और विदेश नीति के विशेषज्ञ पहुंचे हैं.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित रायसीना डायलॉग में दोनों देशों के करीबी रिश्तों पर चर्चा की। लावरोव ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं। हमें लगता है कि भारत को इस समूह का हिस्सा होना ही चाहिए।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा- “अमेरिका, जापान और बाकी देशों की तरफ से आगे बढ़ाई जा रही हिंद-प्रशांत क्षेत्र की धारणा पहले से मौजूद स्थायी ढांचों को बदलने की कोशिश है।” लावरोव ने चीन का पक्ष लेते हुए कहा कि किसी न्यायसंगत लोकतांत्रिक व्यवस्था को ताकत के दम पर प्रभावित करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
‘किसी को घेरने की कोशिश ठीक नहीं’

उन्होंने पूछा- “हिंद-प्रशांत और एशिया प्रशांत बनाने की क्या जरूरत है? जवाब साफ है आप चीन को अलग करना चाहते हैं। जबकि हमारा काम लोगों को जोड़ने का होना चाहिए, न कि बांटने का। हम इस मामले में भारत की नीति का समर्थन करते हैं- जिसका आधार ही यह है कि किसी को घेरने या दबाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) और ब्रिक्स दोनों ही अलग-अलग क्षेत्र में मौजूद देशों को जोड़ने वाले समूह हैं।”