कोरोना महामारी के संकट काल में अपनों के बीच पहुंचने का सफर कई प्रवासी मजदूरों के लिए आखिरी सफर साबित हो रहा है। बुधवार को मुंबई से वाराणसी के मंडुआडीह पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में दो प्रवासी मजदूर मृत मिले। इनमें एक आजमगढ़ तो दूसरा जौनपुर का रहने वाला था। शवों की पहचान होने के बाद कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया है।
जीआरपी, आरपीएफ और पुलिस ने एहतियात बरतते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा है।
एस-15 और दिव्यांग कोच में सफर कर रहे दो मजदूर मृत मिले
इससे पहले, बुधवार को महाराष्ट्र से 1039 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन (गाड़ी संख्या 01770) मंडुआडीह स्टेशन पहुंची। ट्रेन के एस-15 और दिव्यांग कोच में सफर कर रहे दो प्रवासी मजदूर मृत मिले। उनके शवों को कोई छूने को तैयार नहीं था। एक मजदूर की पहचान जौनपुर के बदलापुर गांव निवासी 30 वर्षीय दिव्यांग दशरथ के रुप में हुई।

दशरथ के जीजा पन्नालाल ने बताया कि वे 9 परिजन के साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे। मुंबई से खाना लेकर चले थे। रास्ते में भी हमें खाना मिला था। दशरथ चल नहीं पाता था। प्रयागराज में थोड़ी तबीयत खराब लग रही थी। फिर वह सो गया। काशी पहुंचने के बाद जब उसे उठाया तो वह नहीं उठा। उसे कोई बीमारी नहीं थी।
कोरोना सैंपल लेने के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा- स्टेशन प्रबंधक
दूसरे मृतक की पहचान आजमगढ़ के रामरतन रघुनाथ के रुप में हुई। जेब से मिले दस्तावेज के अनुसार, उसकी उम्र 63 साल थी। उसके पास से ए विंग, रूम नंबर 43, आकाशदीप हाउसिंग सोसायटी, आयकर ब्लॉक, अस्मिता भवन, लिंकरोड के आसपास जोगेश्वरी पूर्व, मुंबई का पता भी मिला। किसी एक नंबर पर यह व्यक्ति लगातार बात कर रहा था। वह मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला था। स्टेशन प्रबंधक अरुण कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की टीम को जांच के लिए बुलाया है। सैंपल लेने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।