दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हुई हिंसा के दौरान कई पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है। एक हिंदी समाचार पोर्टल के साथ एक पत्रकार ने आरोप लगाया कि हिंसाग्रस्त क्षेत्र में वीडियो बनाते समय उनके साथ मारपीट की गई और खतना देखने के लिए उनकी पैंट उतारने के लिए मजबूर किया गया। सुशील मानव “जनचौक’ के पत्रकार हैं। उन्होंने बताया कि जब वे पूर्वोत्तर दिल्ली के मौजपुर के लेन 7 से मोटरसाइकिल से गुजर रहे थे और वीडियो बना रहे थे, तभी उन्हें रोका गया। उन्होंने बताया कि थिएटर से जुड़े अवधू आजाद गाड़ी चला रहे थे और वे पीछे बैठे हुए थे। इसी जगह पर हिंसा कर रहे लोगों की गोली लगने से सोमवार एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई थी।
सुशील मानव ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “मौजपुरा गली नंबर 7 (इसी गली के सामने रतनलाल को गोली मारकर हत्या कर दिया गया था) में भगवा आतंकवादियों ने आज दोपहर हम दोनो पर जानलेवा हमला किया। बस मरते मरते बचे हैं। उन दहशतगर्दो ने हमारे पेट पर तमंचा लगाकर हमारी पैंट उतरवाया। एक पुलिसकर्मी के सही समय पर हस्तक्षेप से हमारी जान बची।”
सुशील मानव के अनुसार, “फिर उनलोगों ने हनुमान चालीसा सुनाने के लिए कहा। उसके कहने पर हमने हनुमान चलीसा सुनाया। उसके बाद एक दूसरा शख्स आया। उसने कहा फिर से बोलो। मैंने फिर से पूरा हनुमान चलीसा सुनाया। उसके बाद उन लोगों ने हमारी और हमारे दोस्ट की पैंट खुलवाई। पैंट खुलवाकर उन लोगों ने दो बार देखा और फिर बोला कि हां ये हिंदू ही है।” हालांकि इसके बावजूद सुशील के मोबाइल छीन लिए गए और पैसे ले लिए गए।

इससे पहले मंगलवार को हिंसा में जेके 24 7 न्यूज चैनल का एक पत्रकार गोली लगने से घायल हो गया और एनडीटीवी के दो पत्रकारों को दंगाइयों ने बुरी तरह पीटा। जेके 24 7 न्यूज चैनल ने एक ट्वीट में कहा कि उसके पत्रकार आकाश को दिल्ली के मौजपुर क्षेत्र में संघर्ष की कवरेज के दौरान गोली लग गई। वह अस्पताल में हैं जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।