मध्य प्रदेश सियासी ड्रामा थम नहीं रहा है। सोमवार को एक बड़े घटनाक्रम में कांग्रेस में बड़ी बगावत की बात सामने आ रही है। इसमें छह मंत्रियों समेत 17 विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबर है। कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रद्युम्न सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, इमरती देवी और गोविंद सिंह राजपूत के फोन बंद हैं। वहीं, ग्वालियर में प्रद्युम्न सिंह के बंगले पर बैठे पीएसओ और उनके पीए कह रहे हैं कि हमें नहीं पता मंत्री जी कहां चले गए। सुबह से बंगले पर नहीं हैं। मंत्री लाखन सिंह ने भास्कर से बातचीत में कहा कि वह मंत्री गोविंद सिंह के साथ भोपाल आ रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं और कुछ देर में एयरपोर्ट पहुंचने वाले हैं।
मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने चार दिन पहले कहा था कि सिंधिया जी का अनादर किया गया तो सरकार संकट में पड़ जाएगी। इधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सिंधिया को राज्यसभा में भेजे जाने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि इन सभी मंत्रियों व विधायकों को बेंगलुरू के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है। वहां पर कड़ा सुरक्षा पहरा लगाया गया है। यहां पर 2 आईपीएस 400 पुलिसकर्मी डटे हुए हैं। संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा सत्र की शुरुआत में कमलनाथ सरकार के खिलाफ भाजपा अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
कमलनाथ ने सिंधिया पर नहीं दिया कोई जवाब
सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष से कई मसलों पर चर्चा हुई है। उनका मार्गदर्शन मिला है, उसका पालन करूंगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया।

कमलनाथ ने ये भी कहा- जब कांग्रेस अध्यक्ष से मिलते हैं तो कई मुद्दों पर चर्चा होती है। पत्रकारों ने जब उनसे कहा कि कांग्रेस के कई विधायक हरियाणा और बेंगलुरू में मिले तो इस पर कमलनाथ ने कहा- कांग्रेस में कोई अंदरुनी कलह नहीं है। सभी विधायक लौट आए हैं और उन्होंने बताया है कि वह तीर्थयात्रा पर गए थे।