केंद्र ने कोरोना संक्रमितों व 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को पोस्टल बैलेट से वोट करने की सुविधा दे दी है। इसकी केंद्र के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत कोविंड-19 के संदेही या प्रभावित व्यक्ति पोस्टल बैलेट से वोट कर सकेंगे। इन्हें मतदान स्थल पर वोटिंग करने का भी विकल्प खुला रहेगा।
मप्र में 25 विधानसभा के होने वाले उपचुनावों में यह सुविधा कोरोना संक्रमितों को मिल सकेगी। चुनाव आयोग इन नए नियमों को उपचुनाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों में शामिल करेगा। मप्र में 10 सितंबर के पहले उपचुनाव कराए जाना है। क्योंकि कांग्रेस विधायकों ने 10 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
मप्र की 25 विस सीटों के उपचुनाव आगे बढ़ने के आसार

आयोग को उपचुनाव कराए जाने की तैयारियों के लिए 35 दिन का समय चाहिए। इस हिसाब से 10 सितंबर के पहले उपचुनाव करवाए जाने के लिए आयोग को अगस्त के प्रथम सप्ताह में ही अधिसूचना जारी करना होगा, लेकिन अभी तक इस तरह की कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं है। इससे उपचुनाव अक्टूबर या नवंबर के महीने में भी होने के आसार हैं।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रावत बोले: कोरोना अभूतपूर्व संकट है, लेकिन कोई रास्ता तो निकालना ही होगा
सवाल: कोरोना के बीच क्या समय पर चुनाव कराए जा सकते हैं?
जवाब:जवाब: साउथ कोरिया में 15 अप्रैल को हुए चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग हुई। वहां मतदाताओं से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया गया। लोगों ने मास्क लगाकर व सैनिटाइज होकर वोट डाले। यह सही है कि हमारे देश में भी कोरोना का अभूतपू्र्व संकट है, लेकिन कोई रास्ता तो निकालना होगा।
सवाल: हर विधानसभा में मतदाताओं की बड़ी संख्या है। ऐसे में तय समय में वोटिंग कराना कैसे संभव होगा?
जवाब: हर पोलिंग बूथ पर ज्यादा से ज्यादा 1200 से 1400 वोटर होते हैं, इसलिए तय समय में भी वोटिंग का काम हो सकता है। इसमें एक दो दिन की जरूरत नहीं होगी। यह भी इंतजाम किए जा सकते हैं कि हर बूथ के मतदाताओं का वोटिंग समय तय कर दिया जाए।