सचिन तेंदुलकर को इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर डीन जोन्स टी-20 क्रिकेट के जमाने में खेल रहे होते तो बल्लेबाजों में उनकी सबसे अधिक मांग होती। ऑस्ट्रेलिया के 59 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर का गुरुवार को मुंबई के एक होटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह इंडियन प्रीमियर लीग की कमेंट्री के सिलसिले में भारत में थे। तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के 1991-92 दौरे को भी याद किया और कहा जब वह युवा थे तब उन्हें जोन्स को बल्लेबाजी करते हुए देखना पसंद था।
उनका मानना है कि जोन्स की बेपरवाह बल्लेबाजी को देखते हुए वह टी-20 क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते। तेंदुलकर ने कहा कि वह निश्चित तौर पर सबसे लोकप्रिय टी-20 खिलाड़ी होते। इसमें कोई संदेह नहीं। उन्होंने कहा कि अगर वह नीलामी में होते तो डीनो (जोन्स) की सबसे अधिक मांग होती। वह शानदार स्ट्रोक प्लेयर थे। विकेटों के बीच दौड़ में उनका कोई सानी नहीं था और बेहतरीन फील्डर थे। उनमें वह सब चीजें थी जो टी-20 में चाहिए होती हैं।
तेंदुलकर ने कहा कि वह वनडे के इतने अच्छे खिलाड़ी थे कि वह टी-20 क्रिकेट में आसानी से सामंजस्य बिठा लेते। क्रिकेट के फॉर्मेट गतिशील हैं और लेकिन वह जरूरत के हिसाब से खुद को ढाल लेते और टी-20 में शीर्ष खिलाड़ियों में से एक होते। तेंदुलकर ने याद किया कि कैसे अस्सी के दशक में में जोन्स तेज गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे जबकि आक्रामक बल्लेबाजी का जमाना नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अस्सी के दशक और नब्बे के दशक के शुरू में जो भी क्रिकेट खेली और वह अपने समय से आगे के खिलाड़ी थे। वह तेज गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे और यह अस्सी के दशक की बात है।

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