ईरान की राजधानी तेहरान से यूक्रेन के यात्री विमान के उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद उसके क्रैश होने की खबरें आई थीं. अमेरिका, यूके और कनाडा ने शक जाहिर किया था कि प्लेन क्रैश होने की घटना टेक्निकल नहीं थी बल्कि ईरान ने उसे मार गिराया था.
अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के बीच तनाव की वजह से 176 बेकसूर लोगों की जान चली गई. ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के मुखिया और उसकी क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था के आर्किटेक्ट जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) की मौत के बाद से शुरू हुए इस विवाद में एक गलती ने 176 लोगों की जान ले ली. ईरान की राजधानी तेहरान से यूक्रेन के यात्री विमान के उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद उसके क्रैश होने की खबरें आई थीं. अमेरिका, यूके और कनाडा ने शक जाहिर किया था कि प्लेन क्रैश होने की घटना टेक्निकल नहीं थी बल्कि ईरान ने उसे मार गिराया था. इन देशों का शक सही निकला और अब ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ (Javad Zarif) ने माना है कि मानवीय गलती की वजह से यह चूक हुई थी. उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट कर खेद व्यक्त किया है.
ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने शनिवार सुबह एक ट्वीट कर इस गलती को स्वीकार किया है. उन्होंने लिखा, ‘एक दुखद दिन. सशस्त्र बलों द्वारा की गई आंतरिक जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष में सामने आया कि अमेरिका की वजह से यह मानवीय चूक हुई है. हम इसपर दुख जताते हैं. सभी पीड़ितों के परिवारों से और अन्य प्रभावित राष्ट्रों से हम माफी मांगते हैं और संवेदना व्यक्त करते हैं.’

बताते चलें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शक जताया था कि यूक्रेन का यात्री विमान टेक्निकल फॉल्ट की वजह से क्रैश नहीं हुआ बल्कि उसे ईरान ने उसे धोखे से मार गिराया था. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने दावे के साथ कहा था कि उनको इंटेलिजेंस के जरिए जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, ईरान ने गैर-इरादतन प्लेन को मिसाइल अटैक से मार गिराया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने भी दावे के साथ कहा था कि मिसाइल स्ट्राइक की वजह से ही प्लेन क्रैश हुआ है. हो सकता है कि यह अनजाने में हुआ हो. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. बताते चलें कि मारे गए विमान में क्रू समेत ईरान के 82 नागरिक, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के चार, जर्मनी और ब्रिटेन के 3-3 नागरिक सवार थे.