कर्नाटक के टॉप ऑर्डर बैट्समेन मनीष पांडेय. लंबे वक्त से टीम इंडिया में आते-जाते रहते हैं. साल 2015 में वनडे डेब्यू करने वाले पांडेय ने आखिरी मैच 25 सितंबर 2018 को अफगानिस्तान के खिलाफ खेला था. यह ओवरऑल 4046वां वनडे मैच था.
इस मैच के लगभग 200 मैच बाद पांडेय राजकोट में एक बार फिर से नीली जर्सी में वनडे मैच खेलने उतरे. टीम इंडिया के लिए छठे नंबर पर उतरे मनीषा ने कुल चार गेंदें खेली और सिर्फ दो रन बनाकर रिचर्डसन की बॉल पर एगर को कैच थमा बैठे. बैटिंग में कुछ खास ना कर पाए मनीष ने फील्डिंग में कमाल कर दिया.
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भारत ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 340 रन बनाए. शिखर धवन ने 96, राहुल ने 80, कोहली ने 78 और रोहित ने 42 रन की पारियां खेलीं. जवाब में खेलने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने सधी हुई शुरुआत की. डेविड वॉर्नर और आरोन फिंच ने पहली 19 बॉल्स पर 20 रन जोड़े. दोनों ही बल्लेबाज़ सूझबूझ के साथ बैटिंग कर रहे थे. चौथा ओवर फेंक रहे मोहम्मद शमी ने ओवर की दूसरी बॉल फेंकी.
यह लेंथ बॉल ऑफ स्टंप से थोड़ी बाहर थी. वॉर्नर ने इसे कवर की तरफ उछालने की कोशिश की. हालांकि वॉर्नर बॉल को जो ऊंचाई देना चाहते थे वह मिली नहीं. पांडेय एकदम 30 यार्ड की लाइन पर खड़े थे और उन्होंने एकदम परफेक्ट तरीके से जंप मारी. दाहिना हाथ हवा में. जैसे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी. पांडेय स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी जैसे उछले और अगले ही पल बॉल उनके हाथ में थी.
पांडेय को छोड़ किसी को भी भरोसा नहीं हुआ कि वॉर्नर के शॉट से गोली जैसी निकली बॉल को पांडेय अपने हाथों में दबोच चुके थे. लेकिन जो होना था वह तो हो गया. ऑस्ट्रेलिया के जहाज में दरार पड़ चुकी थी. अंत में यह दरार कंगारुओं को इतनी भारी पड़ी कि पहले मैच में एक भी विकेट ना खोने वाली टीम इस मैच में ऑलआउट हो गई. इसके साथ ही भारत ने सीरीज को 1-1 से बराबर ही कर लिया.