कोरोनावायरस (Coronavirus) कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं। गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं।
कोरोना वायरस का पहला मामला बीते साल दिसंबर में चीन के वुहान में सामने आया था। उसके बाद से ये वायरस धीरे-धीरे दुनिया के लगभग सभी देशों में अपने पैर पसार चुका है। इसे लेकर दुनिया भर में सरकारें अपने नागरिकों को सतर्क कर रही हैं और इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जानकारी साझा कर रही हैं।
लेकिन इसे लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है और इस कारण लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं।

क्या कोरोना वायरस गर्मी बढ़ने से खुद ब खुद मर जाएगा? कोरोना वायरस की दहशत के बीच ये सवाल बार बार पूछा जा रहा है। चूंकि कोरोना को मारने के लिए अभी तक दवा नहीं खोजी जा सकी है इसलिए जनता बाकी विकल्पों पर गौर करते हए ये सवाल पूछ रही है।
आमतौर पर सभी वायरस गर्मी बढ़ने पर निष्क्रिय या नष्ट हो जाते हैं, लेकिन कोरोनावायरस 37 डिग्री सेल्सियस पर मानव शरीर में जीवित रहता है, तो अभी तक COVID-19 को निष्क्रिय करने के लिए सटीक तापमान का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
वायरस पर शोध करने वाले एक डॉक्टर का कहना है कि अगर कोई भरी गर्मी में छींका तो थूक के डॉपलेट सतह पर गिर कर जल्दी सूख सकते हैं और कोरोना फैसले का संक्रमण कम हो सकता है। हम जानते हैं कि फ्लू वायरस गर्मियों के दौरान शरीर के बाहर नहीं रह पाते लेकिन हमें इस बारे में नहीं पता कि कोरोना वायरस पर गर्मी का क्या असर पड़ता है। तो कहा जा सकता है कि गर्मी में कोरोना नष्ट होगा इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। तापमान के भरोसे मत बैठिए।